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पटना: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 18 नवंबर को प्रचार खत्म हो गया। 20 नवंबर को 38 सीटों पर आखिरी चरण का मतदान होगा। नीतीश कुमार की पार्टी बीजेपी के साथ मिलकर दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। चुनाव से पहले बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड में चुनाव की अच्छी तैयारी की थी। यहां तक कि सरयू राय को भी पार्टी में शामिल कराया गया था। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार झारखंड नहीं गए। अब इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
लालू-तेजस्वी यादव ने किया था चुनाव प्रचार
बता दें कि लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने झारखंड विधानसभा चुनाव में छह उम्मीदवार उतारे हैं। तेजस्वी यादव ने लगातार प्रचार किया। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी प्रचार किया। चर्चा थी कि नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार में जाएंगे, लेकिन वे नहीं गए। नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार में नहीं जाने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने जो हिंदुत्व कार्ड खेला है, उससे बचने के लिए नीतीश प्रचार में नहीं गए। एक तरह से कहा जाए तो नीतीश कुमार ने मुस्लिम वोट के लिए 'अलगा' प्लान बनाकर काम कर रहे हैं। यही कारण रहा कि वे झारखंड चुनाव से दूर रहे।
हिंदुत्व कार्ड के कारण बनाई दूरी?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी ने झारखंड में हिंदुत्व का कार्ड खेला है। इतना ही नहीं, बीजेपी ने अपने कई मुख्यमंत्री और मंत्रियों को झारखंड में उतारा था। हिमंत बिस्वा शर्मा तो हिंदुत्व का चेहरा हैं। शायद नीतीश कुमार इसलिए नहीं गए क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं बिहार में इसका असर अल्पसंख्यक वोट पर न हो जाए।
खास मित्र के लिए भी चुनाव प्रचार नहीं किए नीतीश
बता दें कि झारखंड, बिहार का पड़ोसी राज्य है। झारखंड में जेडीयू के विधायक भी रहे हैं। इसलिए इस बार चर्चा थी कि नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार में ताकत लगाएंगे। दूसरी ओर सरयू राय, नीतीश कुमार के मित्र हैं। इसलिए यह चर्चा थी कि कम से कम सरयू राय की सीट पर जरूर प्रचार करेंगे। लेकिन नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में नहीं गए। अब इसको लेकर विपक्ष निशाना साध रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को वहां चुनाव प्रचार में नहीं बुलाया था।
आरजेडी नेताओं ने जेडीयू पर कसा तंज
आरजेडी प्रवक्ता अरुण यादव ने कहा कि नीतीश कुमार क्यों नहीं गए चुनाव प्रचार में, जेडीयू नेताओं को बताना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि क्या नीतीश कुमार एनडीए में चरण वंदना के लिए हैं। वहीं, जेडीयू प्रवक्ता निहोरा यादव ने पलटवार करते हुए लालू यादव के चुनाव प्रचार जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आरजेडी प्रमुख गए भी तो किसके लिए, सुभाष यादव के लिए जो जेल में बंद है।
लालू-तेजस्वी यादव ने किया था चुनाव प्रचार
बता दें कि लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने झारखंड विधानसभा चुनाव में छह उम्मीदवार उतारे हैं। तेजस्वी यादव ने लगातार प्रचार किया। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी प्रचार किया। चर्चा थी कि नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार में जाएंगे, लेकिन वे नहीं गए। नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार में नहीं जाने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने जो हिंदुत्व कार्ड खेला है, उससे बचने के लिए नीतीश प्रचार में नहीं गए। एक तरह से कहा जाए तो नीतीश कुमार ने मुस्लिम वोट के लिए 'अलगा' प्लान बनाकर काम कर रहे हैं। यही कारण रहा कि वे झारखंड चुनाव से दूर रहे।हिंदुत्व कार्ड के कारण बनाई दूरी?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी ने झारखंड में हिंदुत्व का कार्ड खेला है। इतना ही नहीं, बीजेपी ने अपने कई मुख्यमंत्री और मंत्रियों को झारखंड में उतारा था। हिमंत बिस्वा शर्मा तो हिंदुत्व का चेहरा हैं। शायद नीतीश कुमार इसलिए नहीं गए क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं बिहार में इसका असर अल्पसंख्यक वोट पर न हो जाए।खास मित्र के लिए भी चुनाव प्रचार नहीं किए नीतीश
बता दें कि झारखंड, बिहार का पड़ोसी राज्य है। झारखंड में जेडीयू के विधायक भी रहे हैं। इसलिए इस बार चर्चा थी कि नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार में ताकत लगाएंगे। दूसरी ओर सरयू राय, नीतीश कुमार के मित्र हैं। इसलिए यह चर्चा थी कि कम से कम सरयू राय की सीट पर जरूर प्रचार करेंगे। लेकिन नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में नहीं गए। अब इसको लेकर विपक्ष निशाना साध रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को वहां चुनाव प्रचार में नहीं बुलाया था।आरजेडी नेताओं ने जेडीयू पर कसा तंज
आरजेडी प्रवक्ता अरुण यादव ने कहा कि नीतीश कुमार क्यों नहीं गए चुनाव प्रचार में, जेडीयू नेताओं को बताना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि क्या नीतीश कुमार एनडीए में चरण वंदना के लिए हैं। वहीं, जेडीयू प्रवक्ता निहोरा यादव ने पलटवार करते हुए लालू यादव के चुनाव प्रचार जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आरजेडी प्रमुख गए भी तो किसके लिए, सुभाष यादव के लिए जो जेल में बंद है।कई राज्यों में चुनाव लड़ चुकी है जेडीयू
बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू झारखंड से पहले जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, नागालैंड जैसे कई राज्यों में चुनाव लड़ चुकी है। नीतीश राष्ट्रीय पार्टी बनाने का सपना तो देखते हैं, लेकिन चुनाव प्रचार में कहीं नहीं जाते हैं। गौरतलब है कि जेडीयू को बिहार के अलावा राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा अरुणाचल और मणिपुर में मिला हुआ है। अब केवल एक राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा चाहिए, जिससे जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सके।
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